जादुई बिल्ली और राजकुमारी-Jadu Ki Kahaniyan | Kahani Hindi
Jadu ki kahaniyan: बहुत ही पुराने समय की बात है कि एक साम्राज्य में एक बहुत ही समृद्ध राजा और रानी रहते थे। उनकी एक छोटी सी बेटी लिली थी।
एक दिन रानी लिली के साथ बगीचे में बैठी थी तभी अचानक झाड़ियों से एक बिल्ली निकली जो बहुत गंदी और घायल थी। बिल्ली को देखकर लिली बहुत खुश हो रही थी। इसलिए रानी ने बिल्ली को पालतू बनाने और साफ करने का आदेश दिया।
फिर बिल्ली और लिली पूरे दिन एक दूसरे के साथ खेलते थे। दोनों में इतना प्यार हो गया कि लिली, बिल्ली के बिना सोती ही नहीं थी।
फिर एक रात बिल्ली का घाव ठीक हो गया और वह चुपके से महल से चली गई। जिसकी वजह से लिली बहुत रोई और राजा ने हुक्म दिया कि बिल्ली को ढूंढा जाए। लेकिन किसी को बिल्ली नहीं मिली और वक़्त गुजरते ही बिल्ली को भुला दिया गया।
कुछ वर्षों के बाद राजकुमारी जवान और बहुत सुंदर भी हो गई। राजकुमारी को जंगल में घूमने और अकेले में गुनगुनाने का बहुत शौक था। एक दिन वह अपने सेवकों के साथ जंगल में सैर के लिए गई।
वहां उसने अपनी सुरीली आवाज में गुनगुनाना शुरू किया उस की मधुर आवाज सुनकर उसके सेवक सो गए फिर वो अकेली गुनगुनाती जंगल में बहुत आगे निकल गई।
उसके गुनगुनाने की आवाज जंगल के देव ने सुनी और दीवाना हो गया इस देव शहजादी को उठाकर अपने साथ ले गया और कैद कर दिया। देव ने कहा क्या तुम सिर्फ मेरे लिए गुनगुनाया करोगी।
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शहजादी काफी देर रोती रही लेकिन उसकी मदद को कोई नहीं आया। फिर देव ने शहजादी को नहर से पानी लाने को कहा और कहा, “अगर तुम ने भागने की कोशिश की तो मैं तुम्हें ढूंढ कर मार दूंगा”।
राजकुमारी रोते-रोते दरिया किनारे पहुंची तो वहाँ उसे वो बिल्ली मिली जिससे वह बचपन में खेला करती थी। लेकिन वह उस बिल्ली को पहचान ना सकी। राजकुमारी को बिल्ली बहुत प्यारी लगी।
राजकुमारी ने बिल्ली से कहा, “क्या तुम मेरी दोस्त बनोगी”, जिस पर बिल्ली ने हाँ में सर हिला दिया। फिर शहजादी ने उसे सारी कहानी सुनाई के उसे देव ने बंदी बना लिया है और वह भाग भी नहीं सकती और कहा काश के तुम मुझे बचा सकती।
राजकुमारी की यह बात सुनकर बिल्ली एक राजकुमार में बदल गया मगर उसके सर पर बिल्ली के कान और कमर पर बिल्ली की पूंछ अभी भी मौजूद थी।
राजकुमारी यह सब देख कर बहुत हैरान हुई और बोली “तुम कौन हो?” इस पर बिल्ली राजकुमार बोला, “घबराओ नहीं मैं पड़ोस की सल्तनत का शहजादा हूँ। मेरे बचपन मैं मुझे बद्दुआ दी गई कि मैं बिल्ली की शक्ल में इस जंगल में रहूं और मैं तब तक ऐसे ही रहूंगा जब तक मैं किसी व्यक्ति पर मेहरबानी न कर दूँ जिसका उसे खबर ना हो”।
इतने में देव ने गुस्से से शहजादी को पुकारा जिसे सुनकर राजकुमारी ने शहजादे से इजाजत मांगी और गुफा की तरफ चल पड़ी। अगले दिन जब शहजादी दोपहर के लिए खाना बना रही थी तो बिल्ली शहजादा चुपके से गुफा में आया। उस वक्त देव गुफा में मौजूद नहीं था।
बिल्ली ने पूछा राजकुमारी तुम क्या कर रही हो राजकुमारी ने कहा मैं देव के लिए कुछ अच्छी सी चीज बनाने की कोशिश कर रही हूँ और सोच रही हूं की स्ट्रॉबेरी सूप बना लूँ। यह कहकर राजकुमारी स्ट्रॉबेरी लेने के लिए जंगल में गई, उसके पीछे बिल्ली राजकुमार ने इस सूप में पास पड़ी काली मिर्च की सारी बोतल उंडेल दी।
और फिर राजकुमारी स्ट्रॉबेरी लाई और उस का सूप बनाया। कुछ देर बाद देव आया तो राजकुमारी ने उसे वह सूप दिया। तो सूप पीते ही देव चीखने लगा और पानी के लिए दरिया की तरफ भागा। वहां पर उसका इंतजार जादुई बिल्ली कर रही थी।
बिल्ली ने जब देव को अपनी तरफ आते देखा तो उसने अपनी पूंछ को बढ़ाकर पेड़ के साथ बांध दिया। जैसे हे देव दरिया के पास आया तो वह पूंछ से टकरा कर दरिया में जा गिरा। देखते ही देखते दरिया का तेज बहाव देव को बहा ले गया। आर यूं वह फिर कभी नहीं देखा गया।
कुछ देर बाद राजकुमारी भी दरिया पर पहुंची तो जादुई बिल्ली ने उसे बताया कि “मैंने तुम्हारी जान हमेशा हमेशा के लिए उस देव से छुड़वा दी है अब तुम आजाद हो”। यह कहकर जादुई बिल्ली ने राजकुमारी पर जादू किया और वह बेहोश हो गई। फिर बिल्ली ने राजकुमारी को महल में छोड़ा और वहां से चली गई। जब राजकुमारी नींद से उठी तो उसे कुछ याद ना था।
अब जादुई बिल्ली की बद्दुआ भी खत्म हो गई थी। कुछ रोज बाद राजकुमार बिल्ली, राजकुमारी का हाथ मांगने आया और राजकुमारी ने उससे शादी के लिए उसी वक़्त हाँ कर दी। फिर दोनों की शादी हो गई और वो दोनों हमेशा के लिए खुशी खुशी रहने लगे। (1)
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