छब्बीस आदमी और एक लड़की : मैक्सिम गोर्की कहानी
मैक्सिम गोर्की कहानी: हम छब्बीस थे छब्बीस जीती-जागती मशीनें; गीले तहखानों में बंद, जहां हम क्रेंडल और सुशका बनाने के लिए आटा गूंधते थे। हमारे तहखाने की खिड़की नमी के कारण हरे
मैक्सिम गोर्की कहानी: हम छब्बीस थे छब्बीस जीती-जागती मशीनें; गीले तहखानों में बंद, जहां हम क्रेंडल और सुशका बनाने के लिए आटा गूंधते थे। हमारे तहखाने की खिड़की नमी के कारण हरे