बेस्ट 5 हिन्दी हास्य कहानियां | Short Funny Story in Hindi
Short Funny Story in Hindi: दोस्तों मैं आज आपके साथ 5 बहुत ही हास्यपद किस्सा साझा करना चाहता हूँ । अगर आपको ये हँसाये तो शेयर ज़रूर करिएगा और साथ ही कमेन्ट करके बताइए की आपको कौनसी कहानी ज्यादा पसंद आई।
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Short Funny Story in Hindi
जब हास्य रस की बात चली है तो एक कहानी याद आ गई जिसे मेरी दादी ने मुझे सुनाई थी। बाद में एक बिरहा के रूप में भी सुनी थी।
भुल्लू दर्जी (funny story in hindi with moral)
भुल्लू दर्जी अपनी भुलक्कड़पन के लिए पूरे गांव में मशहूर थे, आलम ये था कि कोई उन्हें कुर्ता सिलने को कपड़ा देता तो वे उसका पायजामा सिल देते, और यदि कोई जांघिया सिलने को कपड़ा देता, उसका रुमाल बना देते थे।
धीरे धीरे गांव वालों ने उनको काम देना बंद कर दिया।
एक दिन उनकी पत्नी ने कहा।
आपसे अब सिलाई का काम नहीं होगा, आप ये पैसे लीजिए और जाइए एक गाय खरीद कर लाइए, उसका दूध बेचकर हम लोग अपना गुजरा करेंगे, आपको अब कोई गांव वाला कपड़ा सिलने को नहीं देगा।
भुल्लू जी पैसे लेकर गाय खरीदने को घर से चले, लेकिन रास्ते में भूल गए कि मैं किस काम से आया हूं। उन्हें याद आया कि बेटी बड़ी हो गई है उसके लिए लड़का ढूंढ़ना है, वो गाय खरीदना भूल कर बेटी का ब्याह तय कर आए।
घर वापस आने पर पत्नी से डांट खाकर चुप रह गए, लेकिन वो ये भी भूल गए कि बेटी की शादी का दिन निश्चित है, और जब खुद ही भूल गए तो पत्नी को या गांव वालों को कहां से बताते?
तय समय पर बेटे वाले बारात लेकर गांव के बाहर आकर बाजा बजाने लगे , और गांव वाले सोच रहे हैं कि किसके यहां बारात आई है। प्रधान जी को बारात के पास भेजा गया कि जा कर उन्हें बताइए कि वो लोग रास्ता भूल गए हैं। हमारे गांव में कोई शादी नहीं है।
प्रधान जी पहुंचे बारात के पास और उन्हें बताया कि हमारे यहां कोई शादी नहीं है आप लोगों को किस गांव जाना है मुझे बताए शायद मैं आपको रास्ता बता सकूं। उधर से जो जवाब दिया गया उसे सुनकर गांव वालो के होश उड़ गए, उन्हें समझ में आ गया ये भुल्लू दर्जी की करामात है, बेटी की बारात बुला कर भूल गया है।
गांव वालो ने अपनी इज्जत बचाने के लिए किसी तरह सारी तैयारियां अनान फानन में की और शादी की रस्में संपन्न होने लगी।
लेकिन मुसीबत अभी बाकी थी मेरे दोस्त।
जब शादी के लिए लड़की की खोज की गई तब पता चला लड़की तो अपने मामा के घर गई है, उसे तो पता ही नहीं कि मेरी शादी के लिए बारात मेरे घर पर पहुंची है।
तुरंत भुल्लू को दौड़ाया गया, जाओ और उसको ले कर आओ। तब तक हम बारातियों को उलझा कर रखते हैं।
हद तो तब हो गई जब भुल्लू वहां जा कर भी भूल गए कि मैं बेटी को ले जाने आया हूं। खाना पीना खाया और सो गए।
उधर जब शादी के समय जब लड़की उपस्थित नहीं हुई तो बाराती नाराज होकर लौट गए। सुबह भुल्लू को याद आया कि “अरे मैं तो बेटी को ले जाने आया था” बेटी को साथ में लेकर चले घर की ओर। रास्ते में संयोग से लौटती बारात से सामना हो गया और वहीं हाथ पैर जोड़कर पास ही के एक मंदिर में शादी संपन्न हुई।
संता और सर्दी (funny kahani in hindi)
एक बार संता को गांव का सरपंच बना दिया गया। गांव वालों ने सोचा कि छोरा पढ़ा-लिखा है, समझदार है, अगर ये सरपंच बन गया तो गांव की भलाई के लिए काम करेगा।
मौसम बदला, सर्दियों के आने के महीने भर पहले गांव वालों ने संता से पूछा – सरपंच साहब इस बार सर्दी कितनी तेज पड़ेगी।
संता ने गांव वालों से कहा कि मैं आपको कल बताऊंगा। संता तुरंत ही शहर की ओर निकल गया। वहां जाकर मौसम विभाग में पता किया तो मौसम विभाग वाले बोले – सरपंच साहब इस बार बहुत तेज सर्दी पड़ने वाली है।
संता भी दूसरे दिन गांव में आकर ऐसा ही बोल दिया। गांव वालों को विश्वास था कि अपने सरपंच साहब पढ़े-लिखे हैं। शहर से पता करके आये हैं तो सही कह रहे होंगे। गांव वालों की नजर में संता की इज्जत और बढ़ गयी।
तेज सर्दी पड़ने की बात सुनकर गांव वालों ने सर्दी से बचने के लिए लकड़ियां इकट्ठी करनी शुरू कर दी।
महीने भर बाद जब सर्दियों का कोई नामोंनिशान नहीं दिखा तो गांव वालों ने संता से फिर पूछा। संता ने उन्हें फिर दूसरे दिन के लिए टाला, और शहर के मौसम विभाग में पहुंच गया।
मौसम विभाग वाले बोले कि सरपंच साहब आप चिंता मत करो। इस बार सर्दियों के सारे रिकॉर्ड टूट जायेंगे।
संता ने ऐसा ही गांव में आकर बोल दिया। संता की बात सुनकर गांव वाले पागलों की तरह लकड़ियां इकट्ठी करने लग गए। इस तरह पंद्रह दिन और बीत गए लेकिन सर्दियों का कोई नामोंनिशान नहीं दिखा। गांव वाले संता के पास आये। संता फिर मौसम विभाग जा पहुंचा।
मौसम विभाग वालों ने फिर वही जवाब दिया कि सरपंच साहब आप देखते जाइये कि सर्दी क्या जुल्म ढाती है। संता फिर से गांव में आकर ऐसा ही बोल दिया। अब तो गांव वाले सारे काम-धंधे छोड़कर सिर्फ लकड़ियां इकट्ठी करने के काम में लग गए। इस तरह पंद्रह दिन और बीत गए। लेकिन सर्दियां शुरू नहीं हुईं।
गांव वाले संता को कोसने लगे। संता ने उनसे एक दिन का वक्त और मांगा। संता तुरंत मौसम विभाग पहुंचा तो उन्होंने फिर ये जवाब दिया कि सरपंच साहब इस बार सर्दियों के सारे रिकॉर्ड टूटने वाले हैं। अब संता का भी धैर्य जवाब दे गया।
संता ने पूछा – आप इतने विश्वास से कैसे कह सकते हैं।
मौसम विभाग वाले बोले कि सरपंच साहब हम पिछले दो महीने से देख रहे हैं। पड़ोस के गांव वाले पागलों की तरह लकड़ियां इकट्ठी कर रहे हैं। इसका मतलब सर्दी बहुत तेज पड़ने वाली है।
संता वहीं चक्कर खाकर गिर गया।
नाराज़ पति -पत्नी (Funny stories in hindi)
Funny Interesting Kahani
एक पति-पत्नी आपस में नाराज़ चल रहे थे। नाराजगी भी इतनी थी कि एक ही कमरे में रहते हुए आपस में एक – दूसरे को बोलते तक नहीं थे दोनों अपने-अपने काम में कोई कमी नहीं आने देते जैसे सुबह पति उठता तो पत्नी चाय टेबल पर रख जाती और ऑफिस का समय होता तो लंच बॉक्स तैयार करके देती इसी तरह पति भी ऑफिस से आते हुए सब्जी राशन आदि लाकर रख देता।
काफी दिन गुजर गए। एक दिन पति को जरूरी काम से ऑफिस में आठ बजे कि जगह छ: बजे पहुंचना था लेकिन उसकी नींद सात बजे से पहले नहीं खुलती थी।
रात को सोने के समय पति को विचार आया की सुबह मुझे पांच बजे कौन उठायेगा। पति के दिमाग में एक उपाय आया और वह एक पर्ची अपनी पत्नी के नाम लिखने लगा, देखो मीना मुझे सुबह ऑफिस जल्दी जाना है इसलिए मुझे पांच बजे जगा देना।
इस तरह पर्ची लिख कर वह पत्नी के बैड पर रख आया और बेफिक्र होकर सो गया। पत्नी पर्ची उठा कर पड़ी और कुछ सोचा और वह भी सो गई।
सुबह पति कि नींद खुली तो उसने उठकर घड़ी की तरफ़ देखा, घड़ी में सात बज रहे थे फिर उसकी निगाह तकिए पर गई तो वहा एक पर्ची रखी थी।
उस पर लिखा था जी, उठ जाओ सुबह के पांच बज गए है।
स्कूल के बाथरूम में लिपस्टिक का किस्सा | Funny Story In Hindi For WhatsApp
एक प्राइवेट स्कूल का प्रिंसिपल बहुत ही अजीब सी दिक्कत में था. स्कूल की 11 वी और 12 वी क्लास की लड़कियां स्कूल के बाथरूम में लिपस्टिक लगाती थी
सिर्फ ये ही दिक्कत नहीं थी, सबसे बड़ी दिक्कत ये थी कि लड़कियां लिपस्टिक लगाने के बाद बाथरूम के शीशे को चूम कर उस पर लिपस्टिक का निशान भी बना देती थी जिससे सफाई करने वाले को वो दाग मिटाने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी।
हर रात को स्कूल का सफाई कर्मचारी घंटो लिपस्टिक के दाग साफ़ करने में लगा रहता था।
प्रिंसिपल अब इस सब से तंग आ चूका था और उन्होंने इस प्रॉब्लम का हल निकालने की ठान ली.
स्कूल के प्रिंसिपल ने सफाई कर्मचारी को अपने पास बुलाया और उसे कहा कि कल के बाद स्कूल की लड़कियां कभी शीशे पर लिपस्टिक के निशान नहीं बनाएंगी, बस जैसा मैं कहता हूँ वैसा करो।
अगले ही दिन प्रिंसिपल ने 10 वी और 12 वी की लड़कियों को स्कूल के बाथरूम में बुलाया। बाथरूम के शीशे पर अब भी लिपस्टिक के निशान लगे हुए थे
प्रिंसिपल ने लड़कियों से पुछा कि ये शीशे पर ये लिपस्टिक के निशान कौन बनाता है लेकिन किसी लड़की ने कुछ नहीं कहा।
इसके बाद प्रिंसिपल ने लड़कियों को कहा “खैर…कोई बात नहीं. मैंने आप सभी लड़कियों को यहाँ इस लिए बुलाया है क्यूंकि मैं आप सब को बताना चाहता हूँ कि सफाई कर्मचारी को ये लिपस्टिक के दाग मिटाने के लिए कितनी मशक्कत करनी पड़ती है. अब ये सफाई वाले भाई आप सब के सामने इस लिपस्टिक के दाग को मिटायेंगे और आप देखना की इसमें कितनी मेहनत लगती है”
सफाई कर्मचारी ने पौछा लिया और उसे फ्लश के पानी में डुबाया और शीशे पर रगड़ कर लिपस्टिक के दाग साफ़ करने लगा.
ये देख कर वहां मौजूद कई लड़कियां तो औकने लगी और उनके मुंह से निकल गया “छी छी….”
उस दिन के बाद स्कूल में किसी लड़की ने शीशे पर लिपस्टिक के दाग नहीं बनाये।
चार चालाक दोस्त (मजेदार कॉमेडी कहानी)
(Funny Kahani in Hindi for Kids): एक रात चार कॉलेज (college) के छात्र देर रात को पार्टी कर रहे थे और अगले दिन होने वाले निर्धारित टेस्ट के लिए अध्ययन (study) नहीं कर रहे थे।
परीक्षा (exam) की तैयारी न होने के कारण सुबह उन्होंने एक योजना के बारे में सोचा।
उन्होंने खुद को तेल और गंदगी से गंदा कर दिया। फिर वे कॉलेज के प्रिन्सपल (dean) के पास गए और कहा कि वे कल रात एक शादी में गए थे और रास्ते में उनकी कार का टायर फट गया।
और उन्हें कार को पीछे की तरफ से धकेलना पड़ा। इसलिए वे परीक्षा देने की स्थिति में नहीं हैं।
इस पर डीन ने एक मिनट के लिए सोचा और कहा कि वे 3 दिनों के बाद फिर से परीक्षा दे सकते हैं।
चारों छात्रों (students) ने डीन को धन्यवाद दिया और कहा कि वे उस समय तक परीक्षा के लिए तैयार हो जाएंगे।
तीसरे दिन, वे डीन के सामने उपस्थित हुए। डीन ने कहा कि चूंकि यह एक विशेष स्थिति का परीक्षण हैं, इसलिए तुम चारों छात्रों को परीक्षण के लिए अलग-अलग कक्षाओं में बैठने की आवश्यकता है।
वे सभी सहमत थे क्योंकि उन्होंने पिछले 3 दिनों में परीक्षा की अच्छी तैयारी (preparation) की थी।
टेस्ट में कुल 100 अंकों के साथ केवल 2 प्रश्न (questions) शामिल थे। प्रश्न क्रमशः इस प्रकार थे-
1) आपका नाम _____________ (1 अंक)
2) कार का कौन-सा टायर फटा था? _____________ (99 अंक)
विकल्प- (a). फ्रंट लेफ्ट टायर (b). फ्रंट राइट टायर (c). बैक लेफ्ट टायर (d). बैक राइट टायर 😀
चूँकि दूसरा प्रश्न 99 नंबर का था और चारों छात्रों ने डीन से झूठ बोला था कि उनकी कार का टायर फटा था, जिस कारण वे सभी इस प्रश्न का उत्तर नहीं दे पाए और वो चारों छात्र परीक्षा में फेल (fail) हो गए।
अपने कर्त्तव्य के प्रति जिम्मेदार बनिए अन्यथा आप को भी सबक सीखना पड़ेगा।
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शुक्रिया
bahot achhi story hai…keep it up