10 मोटिवेशनल कहानी इन हिंदी | Inspirational Story in Hindi
Inspirational Story in Hindi:- यदि आप हिंदी में प्रेरक कहानियों की खोज कर रहे हैं तो आप सही जगह पर हैं। Friends, जीवन में प्रेरणादायक कहानियों (Motivational Story In Hindi) का एक अलग ही महत्त्व है।
जीवन में अक्सर ऐसे क्षण आते हैं, जब हम स्वयं को निराशा के भंवर में फंसा पाते हैं. ऐसे में किसी के बोले गए प्रेरक शब्द या कहीं लिखे प्रेरक वाक्य या फिर प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Story In Hindi) हमें निराशा के उस भंवर से बाहर निकालकर नए जोश का संचार करती हैं
इस पोस्ट में लिखी मन में जोश भर देने वाली 5 सर्वश्रेष्ठ प्रेरणादायक कहानियों (Short Motivational Story In Hindi With Moral) आपके जीवन में एक नयी उमंग के साथ-साथ आपके सफलता के रास्ते में आने वाले सभी मुश्किलों को भी दूर कर देगा।
ये 10 ज़िन्दगी बदल देने वाले प्रेरणादायक कहानियाँ आपको कामयाब (successful) बना सकती है।
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नेपोलियन बोनपोर्ट: युवाओं के लिए प्रेरणादायक कहानी
(Inspirational Story in Hindi): नेपोलियन अक्सर जोखिम भरे काम किया करता था। एक बार उसने आलपस पर्वत को पार करने का ऐलान किया और अपनी सेना के साथ चल पड़ा। सामने एक विशाल और गगनचुम्बी पहाड़ खड़ा था जिसपर चढ़ाई करना असंभव था।
उसकी सेना में अचानक हलचल की स्थिति पैदा हो गई। फिर भी उसने अपनी सेना को चढ़ाई का आदेश दिया।
पास मे ही एक बुजुर्ग औरत खड़ी थी. उसने जैसे ही यह सुना वो उसके पास आकर बोले की क्यों मरना चाहते हो?
यहां जितने भी लोग आए हैं वो मुंह की खाकर यहीं रहे गए। अगर अपनी जिंदगी से प्यार है तो वापस चले जाओ।
उस औरत की यह बात सुनकर नेपोलियन नाराज होने की बजाए प्रेरित हो गया और झट से हीरों का हार उतारकर उस बुजुर्ग महिला को पहना दिया और फिर बोले, ‘आपने मेरा उत्साह दोगुना कर दिया और मुझे प्रेरित किया है।
लेकिन अगर मै जिंदा बचा तो आप मेरी जय-जयकार करना।
उस औरत ने नेपोलियन की बात सुनकर कहा, ‘तुम पहले इंसान हो जो मेरी बात सुनकर हताश और निराश नहीं हुए. जो मुसीबतों का सामना करने का इरादा रखते है, वह लोग कभी नहीं हारते।
इतिहास में नेपोलियन को विश्व के सबसे महान और अजय सेनापतियों में से एक गिना जाता है. वह इतिहास के सबसे महान विजेताओं में से माने जाते थे।
उसके सामने कोई टिक नहीं पाता था। जिंदगी में मुसीबतें चाय के कप में जमी मलाई की तरह हैं, और कामयाब वो लोग होते हैं जो फूंकमार कर मलाई को अलग कर देते हैं और आराम से चाय का पान करते हैं।
प्रेरक कहानी इन हिंदी (Inspirational Story In Hindi)
(Prernadayak Kahani): पिता बेटे को डॉक्टर बनाना चाहता था। बेटा इतना मेधावी नहीं था कि NEET क्लियर कर लेता। इसलिए दलालों से MBBS की सीट खरीदने का जुगाड़ किया ।
ज़मीन, जायदाद, ज़ेवर सब गिरवी रख के 35 लाख रूपये दलालों को दिए, लेकिन अफसोस वहाँ धोखा हो गया। अब क्या करें…?
लड़के को तो डॉक्टर बनाना है कैसे भी…!!
फिर किसी तरह विदेश में लड़के का एडमीशन कराया गया, वहाँ लड़का चल नहीं पाया। फेल होने लगा.. डिप्रेशन में रहने लगा।
रक्षाबंधन पर घर आया और घर में ही फांसी लगा ली। सारे अरमान धराशायी…. रेत के महल की तरह ढह गए….
20 दिन बाद माँ-बाप और बहन ने भी कीटनाशक खा कर आत्म-हत्या कर ली। अपने बेटे को डॉक्टर बनाने की झूठी महत्वाकांक्षा ने पूरा परिवार लील लिया।
माँ बाप अपने सपने, अपनी महत्वाकांक्षा अपने बच्चों से पूरी करना चाहते हैं …
मैंने देखा कि कुछ माँ बाप अपने बच्चों को Topper बनाने के लिए इतना ज़्यादा अनर्गल दबाव डालते हैं कि बच्चे का स्वाभाविक विकास ही रुक जाता है।
आधुनिक स्कूली शिक्षा बच्चे की Evaluation ऐसे करती है, जैसे सेब के बाग़ में सेब की खेती की जाती है। पूरे देश के करोड़ों बच्चों को एक ही Syllabus पढ़ाया जा रहा है ..
For Example –
जंगल में सभी पशुओं को एकत्र कर सबका इम्तिहान लिया जा रहा है और पेड़ पर चढ़ने की क्षमता देख कर Rank निकाली जा रही है।
यह शिक्षा व्यवस्था, ये भूल जाती है कि इस प्रश्नपत्र में तो बेचारा हाथी का बच्चा फेल हो जाएगा और बन्दर First आ जाएगा।
अब पूरे जंगल में ये बात फैल गयी कि कामयाब वो है जो झट से पेड़ पर चढ़ जाए। बाकी सबका जीवन व्यर्थ है।
इसलिए उन सब जानवरों के, जिनके बच्चे कूद के झटपट पेड़ पर न चढ़ पाए, उनके लिए कोचिंग Institute खुल गए, वहां पर बच्चों को पेड़ पर चढ़ना सिखाया जाता है।
चल पड़े हाथी, जिराफ, शेर और सांड़, भैंसे और समंदर की सब मछलियाँ चल पड़ीं अपने बच्चों के साथ, Coaching institute की ओर ……..
हमारा बिटवा भी पेड़ पर चढ़ेगा और हमारा नाम रोशन करेगा।
हाथी के घर लड़का हुआ …….
तो उसने उसे गोद में ले के कहा- “हमरी जिन्दगी का एक ही मक़सद है कि हमार बिटवा पेड़ पर चढ़ेगा।”
और जब बिटवा पेड़ पर नहीं चढ़ पाया, तो हाथी ने सपरिवार ख़ुदकुशी कर ली।
अपने बच्चे को पहचानिए।
वो क्या है, ये जानिये।
हाथी है या शेर ,चीता, लकडबग्घा , जिराफ ऊँट है
या मछली , या फिर हंस , मोर या कोयल ?
क्या पता वो चींटी ही हो ?
और यदि चींटी है आपका बच्चा, तो हताश निराश न हों।
चींटी धरती का सबसे परिश्रमी जीव है और अपने खुद के वज़न की तुलना में एक हज़ार गुना ज्यादा वजन उठा सकती है।
इसलिए अपने बच्चों की क्षमता को परखें और जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें…. ना कि भेड़ चाल चलाते हुए उसे हतोत्साहित करें ……
“क्योंकि किसी को शहनाई बजाने पर भी भारत रत्न से नवाज़ा गया है
सबसे कीमती चीज(Short Inspirational story in hindi)
Short motivational story in hindi: एक जाने-माने स्पीकर ने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी सेमीनार शुरू की. हाल में बैठे सैकड़ों लोगों से उसने पूछा ,” ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?” हाथ उठना शुरू हो गए।
फिर उसने कहा ,” मैं इस नोट को आपमें से किसी एक को दूंगा पर उससे पहले मुझे ये कर लेने दीजिये .” और उसने नोट को अपनी मुट्ठी में चिमोड़ना शुरू कर दिया। और फिर उसने पूछा,” कौन है जो अब भी यह नोट लेना चाहता है?” अभी भी लोगों के हाथ उठने शुरू हो गए।
“अच्छा” उसने कहा,” अगर मैं ये कर दूं ? ” और उसने नोट को नीचे गिराकर पैरों से कुचलना शुरू कर दिया। उसने नोट उठाई , वह बिल्कुल चिमुड़ी और गन्दी हो गयी थी।
” क्या अभी भी कोई है जो इसे लेना चाहता है?”. और एक बार फिर हाथ उठने शुरू हो गए।
” दोस्तों , आप लोगों ने आज एक बहुत महत्त्वपूर्ण पाठ सीखा है।मैंने इस नोट के साथ इतना कुछ किया पर फिर भी आप इसे लेना चाहते थे क्योंकि ये सब होने के बावजूद नोट की कीमत घटी नहीं,उसका मूल्य अभी भी 500 था।
जीवन में कई बार हम गिरते हैं, हारते हैं, हमारे लिए हुए निर्णय हमें मिटटी में मिला देते हैं। हमें ऐसा लगने लगता है कि हमारी कोई कीमत नहीं है। लेकिन आपके साथ चाहे जो हुआ हो या भविष्य में जो हो जाए , आपका मूल्य कम नहीं होता।आप स्पेशल हैं, इस बात को कभी मत भूलिए।
कभी भी बीते हुए कल की निराशा को आने वाले कल के सपनो को बर्बाद मत करने दीजिये। याद रखिये आपके पास जो सबसे कीमती चीज है, वो है आपका जीवन.”
हीरे की खान(Best inspirational story in hindi)
Motivational Story In Hindi: अफ्रीका महाद्वीप में हीरों की कई खानों की खोज हो चुकी थी, जहाँ से बहुतायत में हीरे प्राप्त हुए थे. वहाँ के एक गाँव में रहने वाला किसान अक्सर उन लोगों की कहानियाँ सुना करता था, जिन्होंने हीरों की खान खोजकर अच्छे पैसे कमाये और अमीर बन गए। वह भी हीरे की खान खोजकर अमीर बनना चाहता था।
एक दिन अमीर बनने के सपने को साकार करने के लिए उसने अपना खेत बेच दिया और हीरों की खान की खोज में निकल पड़ा। अफ्रीका के लगभग सभी स्थान छान मारने के बाद भी उसे हीरों का कुछ पता नहीं चला. समय गुजरने के साथ उसका मनोबल गिरने लगा।
उसे अपना अमीर बनने का सपना टूटता दिखाई देने लगा. वह इतना हताश हो गया कि उसके जीने की तमन्ना ही समाप्त हो गई और एक दिन उसने नदी में कूदकर अपनी जान दे दी।
इस दौरान दूसरा किसान, जिसने पहले किसान से उसका खेत खरीदा था, एक दिन उसी खेत के मध्य बहती छोटी नदी पर गया।
सहसा उसे नदी के पानी में से इंद्रधनुषी प्रकाश फूटता दिखाई पड़ा. उसने ध्यान से देखा, तो पाया कि नदी के किनारे एक पत्थर पर सूर्य की किरणें पड़ने से वह चमक रहा था. किसान ने झुककर वह पत्थर उठा लिया और घर ले आया।
वह एक ख़ूबसूरत पत्थर था। उसने सोचा कि यह सजावट के काम आएगा और उसने उसे घर पर ही सजा लिया।
कई दिनों तक वह पत्थर उसके घर पर सजा रहा। एक दिन उसके घर उसका एक मित्र आया। उसने जब वह पत्थर देखा, तो हैरान रह गया।
उसने किसान से पूछा, “मित्र! तुम इस पत्थर ही कीमत की जानते हो?”
किसान ने जवाब दिया, “नहीं.”
“मेरे ख्याल से ये हीरा है। शायद अब तक खोजे गए हीरों में सबसे बड़ा हीरा।” मित्र बोला।
किसान के लिए इस बात पर यकीन करना मुश्किल था. उसने अपने मित्र को बताया कि उसे यह पत्थर अपने खेत की नदी के किनारे मिला है। वहाँ ऐसे और भी पत्थर हो सकते हैं।”
दोनों खेत पहुँचे और वहाँ से कुछ पत्थर नमूने के तौर पर चुन लिए। फिर उन्हें जाँच के लिए भेज दिया। जब जाँच रिपोर्ट आयी, तो किसान के मित्र की बात सच निकली। वे पत्थर हीरे ही थे। उस खेत में हीरों का भंडार था।
वह उस समय तक खोजी गई सबसे कीमती हीरे की खदान थी।उसका खदान का नाम ‘किम्बर्ले डायमंड माइन्स’ है। दूसरा किसान उस खदान की वजह से मालामाल हो गया।
पहला किसान अफ्रीका में दर-दर भटका और अंत में जान दे दी। जबकि हीरे की खान उसके अपने खेत में उसके क़दमों तले थी।
बहरे मेंढक की कहानी : प्रेरक प्रसंग (Inspirational Story In Hindi)
एक तालाब में बहुत सारे मेंढक रहते थे। उस तालाब के ठीक बीचोंबीच एक बडा-सा लोहे का खम्बा वहां के राजा ने लगवाया हुआ था। एक दिन तालाब के मेंढको ने निश्चय किया कि “क्यों ना इस खम्भे पर चढ़ने के लिए रेस लगाई जाये”, जो भी इस खंभे पर चढ़ जायेगा, उसको प्रतियोगिता का विजेता माना जायेगा।
रेस का दिन निश्चित किया गया। कुछ दिनों बाद रेस का दिन आ गया। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए वहां कई मेढ़क एकत्रित हुए, पास के तालाब से भी कई मेंढ़क रेस में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हुए थे, और प्रतियोगिता को देखने के लिए भी बहुत सारे मेंढ़क वहां एकत्रित हुए। रेस का आरंभ हुआ, चारों ओर शोर ही शोर था। सब उस लोहे के बड़े से खम्भे को देख कर कहने लगे “अरे इस पर चढ़ना नामुमकिन है” “इसे तो कोई भी नहीं कर पायेगा”। “इस खम्भे पर तो चढ़ा ही नहीं जा सकता”।
कभी कोई यह रेस पूरी नहीं कर पाएगा, और ऐसा हो भी रहा था, जो भी मेढ़क खम्भे पर चढ़ने का प्रयास करता, वो खम्भे के चिकने एवं काफी ऊँचा होने के कारण थोड़ा सा ऊपर जाकर नीचे गिर जाता।
बार बार कोशिश करने के बाद भी कोई ऊपर खम्भे पर नहीं पहुँच पा रहा था। अब तक काफी मेंढ़क हार मान गए थे, और कई मेंढ़क गिरने के बाद भी अपनी कोशिश जारी रखे हुए थे। इसके साथ-साथ अभी भी रेस देखने आए मेंढक जोर-जोर से चिल्लाए जा रहे थे “अरे यह नहीं हो सकता”।
“यह असंभव है” “कोई इतने ऊँचे खम्भे पर चढ़ ही नहीं सकता।” आदि, और ऐसा बार बार सुन सुन कर काफी मेंढक हार मान बैठे और उन्होंने भी प्रयास करना छोड़ दिया। और अब वो भी उन मेंढको का साथ देने लगे जो जोर-जोर से चिल्लाने लगे।
लेकिन उन्ही मे से एक छोटा मेंढक लगातार कोशिश करने के कारण खम्भे पर जा पंहुचा, हालाँकि वो भी काफी बार गिरा, उठा, प्रयास किया तब कही जाकर वो सफलता पूर्वक खम्भे पर पहुंचा।
और रेस का विजेता घोषित किया गया। उसको विजेता देखकर, मेढ़को ने उसकी सफलता का कारण पूछा की यह असंभव कार्य तुमने कैसे किया, यह तो नामुमकिन था, यहाँ सफलता कैसे प्राप्त की, कृपया हमे भी बताए। तभी पीछे से एक मेंढ़क की आवाज़ आयी “अरे उससे क्या पूछते हो वो तो बहरा है।
फिर भी मेढको ने विजेता मेंढक से पता करने के लिए एक ऐसे मेढक की मदद ली, जो उसकी सफलता का कारण जान सके, विजेता मेंढक ने बताया की मैं बहरा हूँ।
मुझे सुनाई नहीं देता, लेकिन जब आप लोग जोर-जोर से चिल्ला रहे थे, तो मुझे लगा जैसे आप मुझसे कह रहे हो की “यह तुम कर सकते हो, यह तुम्हारे लिए मुमकिन है” इन्ही शब्दों ने मुझे सफलता दिलाई है।
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मेहनत का फल Motivational story in Hindi of Hard Work
Motivational story in hindi for success: ये कहानी है एक बुजुर्ग दम्पति की एक बुजुर्ग कपल जो इंडिया में रहता था एक शहर में सरहद में जहा नई नई मोहल्ले बन रही होती है जहां मुश्किल से 4-5 माकन इनके मोहल्ले में थे।हमेशा इन्हे सुरक्षा का डर रहता था।
इनका बेटा इन्हे छोर कर के विदेश बस गया था अपने बीवी के साथ में क्यों की उसकी बीवी नहीं चाहती थी की वो इंडिया में सास-ससुर की मदद करे।
बुजुर्ग कपल जिस मोहले में रहते थे वहां इन्हे हमेसा डर रहता था की कोई घटना न हो जाए इस लिए ज्यादा तर घर से बहार नहीं निकलते थे लेकिन फिर भी रूटीन था हर सुबह सूरज निकने के बाद टहलने के लिए निकल जाते थे दोनों पति पत्नी घूम कर के घर आते थे चाय पीते थे अपना रूटीन फॉलो करते थे।
एक दिन ऐसे ही निकले हुए थे घूमने के लिए तो उन्होंने देखा की एक लड़का तेजी से साइकिल चलता हुआ जा रहा है और उसके साइकिल के पीछे फावड़ा बंधा हुआ था इन्होने ज्यादा धयान नहीं दिया।
वही दूसरे दिन फिर से उसी टाइम पे वो लड़का देखा तीसरे दिन फिर से देखा चौथे दिन फिर से दिखा तो पाचवे दिन आंटी जी ने ऑनक्ल जी से पूछ ही लिया मुझे लगता है की कुछ तो गड़बड़ है क्यों न हम पता करें कहीं ये लड़का गलत काम तो करने नहीं जा रहा है।
तो अंकल ने कहा क्या मतलब है छोड़ो ना लेकिन बीवी की डिमांड थी वो बोल रही थी की हमें चेक करना चाहिए हो सकता है की हमारे मोहले में कोई गड़बड़ हो रही हो तो अंकल जी टाल नहीं सके।
फिर अगले दिन Uncle जी ने निर्णय लिया की हम दोनों साथ में चलेंगे और इस साइकिल वाले का पीछा करेंगे की ये जा कहां रहा है ,तो साइकिल वाला फिर से वापस आया। फावड़ा पीछे बंधा हुआ था तेजी से लड़का उसके पीछे पीछे ये कपल भी जाने लगें तो थोड़ी दूर गए तो देखा की उस लड़के ने साइकिल खड़ी कर दी है एक बड़े से पेड़ के पास।
पास में खाली सी जमीं थी जिसे वो लड़का खोदने लग गया ये दोनों कुछ देर देखने लगें की कर क्या रहा है कही कुछ गर्बर तो नहीं है लेकिन लड़का जमीं खोदे जा रहा था खोदे जा रहा था
Finally, इन्होने हिमत कर के पूछ बहिया एक बात बताओ आप क्यों खोद रहे हो तो उस लड़के ने कहा की ऑनक्ल जी मैं आपको रोज़ देखता हु आप दोनों घूमने के लिए निकलते हैं आपको मुझसे घबराने की डरने ने की ज़रुरत नहीं है
और यहाँ जमीं इस लिए खोद रहा हु क्यों की मेरी नई नई नौकरी लगी है तो इन्होने ने पूछा की कहा नौकरी लगी है ऐसा कोनसा काम है जिमे जमीं खोदना है तो उस लड़के ने कहा की बरे दिन से बेरोजगार था
अब जा कर के मुझे फार्म हाउस में काम मिला है और उन्हें ऐसे लड़के की जरुरत है जिसे खेतो में काम करने का अनुभव हो मेरे पास में कोई भी अनुभव नहीं है इस लिए रोजाना मैं यह फावड़ा ले आता हु ज़मीं कोरने की प्रयास करता हु ताकि जैसे ही वह नौकरी पर शुरू हो उसके बाद मुझे नौकरी से निकल न जाए इस लिए रोज़ना मेहनत करता हु।
उस लड़के की बात सुने के बाद में ये जो बुजुर्ग कपल थे इन्होने उन्हें आशीर्वाद दिया और कहा प्रयास ही जिन्दगी में सब कुछ है।
7. हाथी की रस्सी (The Elephant Rope Story in Hindi)
एक बार एक आदमी रास्ते से कहीं जा रहा था। रास्ते में उसे एक वयस्क हाथी दिखा, जो बहुत ही विशालकाय था, लेकिन इतना ताकतवर होने के बावजूद वह एक कमजोर रस्सी से बंधा हुआ था। वह आदमी अचानक वहाँ रुक गया।
उसे यह देख कर बहुत ही आश्चर्य हुआ कि कैसे इतना बड़ा हाथी एक कमजोर रस्सी के सहारे बंधा रह सकता है। जब कि हाथी में इतनी शक्ति होती है, कि वो बड़े से बड़े पेड़ो, पहाड़ों को हिला सकता है, वह चाहे तो जंजीरो को तोड़ सकता है और आज़ाद हो सकता है, लेकिन वो इन रस्सियों से बंधा हुआ है।
जब कि वहां कोई जंजीर, पिंजड़ा नही है। ऐसा क्या कारण है जिसके कारण एक विशालकाय इस कमजोर रस्सी से बंधन मुक्त नही हो पा रहा है। इस कारण को जानने के उद्देश्य से वह महावत (हाथी का प्रशिक्षक, जो हाथी को हांकता है) के पास गया और उत्सुकता पूर्वक उसने अपनी जिज्ञासा रखी।
उसके महावत से पूछा “श्रीमान, यह विशालकाय हाथी जो एक सेकंड में तहस नहस कर सकता है, ऐसा क्या कारण है, जिसकी वजह से यह एक कमज़ोर सी रस्सी से बंधा हुआ है? और भागने की कोशिश भी नही करता?” कृपया उत्तर दें।
उस आदमी की बात सुनकर महावत ने उत्तर दिया, जब यह हाथी बहुत छोटा था, तब मैं इसे इसी रस्सी के सहारे बाँधा करता था, उस समय यह रस्सी इतनी मजबूत थी, कि इसको तोड़ पाना इसके लिए बहुत ही मुश्किल था, उस समय इसने उस रस्सी को तोड़ने का भरसक प्रयास किया, कई बार चोटिल भी हुआ, पैरो से खून भी निकला, लेकिन इसके लिए रस्सी तोड़ पाना मुमकिन नही हुआ।
काफी प्रयास करने के बाद असफल होकर इसने हार मान ली और असंभव मान कर रस्सी पर जोर लगाना भी छोड़ दिया। धीरे धीरे जब यह बड़ा हुआ। इसे अभी भी लगता था, की यह रस्सी इससे नही टूटेगी। अतः यह इसे तोड़ने में असमर्थ है। इसने रस्सी को तोड़ने का प्रयास नहीं किया। आज यह एक वयस्क बलवान, विशालकाय हाथी है।
लेकिन इसने रस्सी से हार मान ली। हालांकि यह किसी भी समय रस्सी को तोड़कर अपने आपको बंधन से मुक्त कर सकता है। लेकिन बचपन की हार को जीवन की हार मानकर यह अब कोशिश ही नही करता। फलस्वरूप यह केवल एक कमज़ोर रस्सी से ही बंधा रहता है। यह बात जानकर वह व्यक्ति बहुत ही आश्चर्यचकित हुआ।
8. अपनी पहचान कैसे बनाएं (Inspirational Story In Hindi)
(Hindi Motivational story): एक प्रसिद्ध लेखक पत्रकार और राजनयिक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जो बेहद ही हंसमुख स्वभाव और आकर्षक व्यक्तित्व के धनी है। उनकी पत्रकारिता देश ही नहीं अपितु विदेश में भी प्रसिद्ध है। उन्होंने वैसे जगह पर भी पत्रकारिता की है जहां अन्य पत्रकारों के लिए संभव नहीं है।उनकी हसमुख प्रवृत्ति और हाजिर जवाब का कोई सानी नहीं है। एक समय की बात है पुष्पेंद्र एक सभा को संबोधित कर रहे थे , सभा में जनसैलाब उमड़ा था , लोग उन्हें सुनने के लिए दूर-दूर से आए हुए थे।
जब वह अपना भाषण समाप्त कर बाहर निकले , तब उनकी ओर एक भीड़ ऑटोग्राफ के लिए बढ़ी। पुष्पेंद्र उनसे बातें करते हुए ऑटोग्राफ दे रहे थे। तभी एक नौजवान उस भीड़ से पुष्पेंद्र के सामने आया उस नौजवान ने उनसे कहा -” मैं आपका बहुत बड़ा श्रोता और प्रशंसक हूं , मैं साहित्य प्रेमी हूं , जिसके कारण मुझे आपकी लेखनी बेहद रुचिकर लगती है। इस कारण आप मेरे सबसे प्रिय लेखक भी हैं। मैंने आपकी सभी पुस्तकें पढ़ी है और आपके व्यक्तित्व को अपने जीवन में उतारना चाहता हूं। किंतु मैं ऐसा क्या करूं जिससे मैं एक अलग पहचान बना सकूं। आपकी तरह ख्याति पा सकूं।”
ऐसा कहते हुए उस नौजवान ने अपनी पुस्तिका ऑटोग्राफ के लिए पुष्पेंद्र की ओर बढ़ाई।
पुष्पेंद्र ने उस समय कुछ नहीं कहा और उसकी पुस्तिका में कुछ शब्द लिखें और ऑटोग्राफ देकर उस नौजवान को पुस्तिका वापस कर दी।
इस पुस्तिका में यह लिखा हुआ था –
” आप अपना समय स्वयं को पहचान दिलाने के लिए लगाएं ,
किसी दूसरे के ऑटोग्राफ से आपकी पहचान नहीं बनेगी।
जो समय आप दूसरे लोगों को लिए देते हैं
वह समय आप स्वयं के लिए दें। “
नौजवान इस जवाब को पढ़कर बेहद प्रसन्न हुआ और उसने पुष्पेंद्र को धन्यवाद कहा कि –
“मैं आपका यह वचन जीवन भर याद रखूंगा और अपनी एक अलग पहचान बना कर दिखाऊंगा। “
पुष्पेंद्र ने उस नौजवान को धन्यवाद दिया और सफलता के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं भी दी।
9. नए सपने (Motivational story in Hindi of Dreams)
मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी: ये कहानी आपको सिखाएगी अगर जिंदगी में आप का भी कभी सपना टुटा है तो वापसी कैसे करनी है जिंदगी में नया सपना कैसे देखना है उसको पूरा कैसे करना है।
स्पेन का एक 10 साल का लड़का जिसका ये सपना था की वो फुटबॉलर बना चाहता था उसने अपने पेरेंट्स को जाकर के बताया की पापा देखना एक दिन मैं स्पेन का नंबर वन फुटबॉलर बनूँगा, नंबर वन गोल कीपर बनूंगा क्यों की उसे गोल कीपिंग बहुत पसंद थी।
उसने अपने पेरेंट्स को बताया, parents ने उस पे भरोसा किया। उसके मम्मी पापा ने उसके लिए कोचिंग लगवा दी।
वो फुटबॉल के मैदान में जाने लगा, कोच साहब से मिलने लगा, कोच को बोलने लगा देखना एक दिन मैं स्पेन का बहुत बड़ा फुटबॉलर बनूँगा।
जो हमारे यहाँ का बहुत बड़ा क्लब है real madrid. वहा से गोल कीपिंग करूँगा, तो कोच ने देखा की उसका जो स्टूडेंट खेलने के लिए आया है, सीखने के लिए आया है उसके आँखों में चमक है, उसका सपना है कोच ने भी पूरी शिद्दत के साथ उसको सिखाया, उसको तैयार किया।
वो 10 साल का लड़का कब 20 साल का हो गया मालूम नहीं चला और इन 10 सालो में इसने कमाल की परफॉर्मेंस दी कमाल की गेम्स खेलें एक ऐसा दिन आने वाला था की उसे real madrid वाले उसे अपने में शामिल करने वाले थे
लेकिन उस दिन के आने से पहले ही एक वो शाम में अपने दोस्तों के साथ में घूम रहा था कार में था तभी उसकी कार का एक्सीडेंट हो गया।
हादसा इतना भयानक हुआ की लड़का हॉस्पिटल पहुंच गया और फिर डॉक्टर ने इसके पेरेंट्स को बताया की आपके बच्चे के कमर के निचे के हिस्से को पैरालिसिस हो चूका है, लकवा मार गया है और आप का बच्चा अब कभी भी चल-फिर नहीं पाएगा,फुटबॉल खेलना तो बहुत दूर की बात है।
इस बच्चे के पेरेंट्स के आखों में आँसू थे इन्हे समझ में नहीं आरहा था की उनके बच्चे का इतना बड़ा सपना टूट गया था।
उन्होंने जा कर के अपने बच्चे से बात की उसे समझाया की, बेटा अब आपके आने वाली जिंदगी बड़ी मुश्किल होने वाली है। इस लड़के को जब मालूम चला तो वो हिल चूका था इसके लिए इसके सारे सपने टूट गए थे उदास था, मायूस था।
वह समझ नहीं पा रहा था की क्या होगा आगे 18 महीने तक ये लड़का हॉस्पिटल तक था आप सोचिये की जो 18 महीने हॉस्पिटल में रहेगा तो उसके दिमाग में क्या क्या चलता रहेगा कितने सारे नकारात्मक विचार आएँगे इसके साथ भी यही हो रहा था।
लेकिन इसने हर नहीं मानी इसे लग रहा था की इसे लाइफ में सकारात्मक विचार के साथ वापसी करनी है तो इस लड़के ने जो उसको खली समय इसे हॉस्पिटल में मिला था उसका सही उपयोग करना शुर किया।
गाने लिखना शुरू किया कविताएं लिखना शुरू किया इसे लिखने का शोख था लिखता चला गया धुन बनता चला गया उन्हें गुण गुनाने लगा इसका जो दिमाग था
वो फुटबॉल से हट कर के म्यूजिक की तरफ आने लगा इसे लगने लगा की इसे अब म्यूजिक में कुछ करना है आप सोचिये वो लड़का जो अभी हॉस्पिटल में है वो अब नया सपना देख रहा ह।
आपको यकीन नहीं होगा 5 साल के बाद में इसका एक गाना आता है जो की पॉपुलर हो जाता है।
वो गाना है लाइफ गोज ऑन दी सेम।और ये लड़का स्पेन का बहुत पॉपुलर सिंगर बन जाता है इनका नाम है Julio Iglesias इनकी सच्ची कहानी मैंने आपके साथ शेयर की है।
इनकी अब तक 30 करोड़ से ज्यादा एल्बम बिक चुका है, कई भाषाओँ में गाने गए हैं और ये हमें बताते है की अगर लाइफ में एक सपना टूट जाता है , तो जुलिओ इलेसिअस से सीखिए नया सपना देखना शुरू कीजिये और उस नए सपने के लिए मेहनत करना शुरू कीजिये।
10.बुरे वक़्त में सब्र करो (Motivational story in Hindi for Students)
एक बार की बात है एक राजा साहब के पास में बड़ा सुन्दर विशाल महल था और उस विशाल सी महल में एक सुंदर सी बगीची थी उस सुन्दर सी बगीची में एक माली था और अंगूरों की बेल थी माली जो था वो इस बात से परेशान था
की अंगूरों की बेल पे रोजाना एक चिड़ियाँ आकर के आक्रमण करती थी और कुछ इस तरीके से वो आक्रमण करती थी जिसे की जो मीठे मीठे अंगूर थे उसे तो खा लेती थी जो अधपके थे और जो खटे अंगूर थे उसे ज़मीन पर गिरा देती थी।
माली इस बात से बड़ा परेशान चल रहा था की इस अंगूरों के बेल को ये चिड़ियाँ एक दिन तबाह कर देगी नस्ट कर देगी उसने बहुत कोसिस की लेकिन उसको कोई उपाय मिला नहीं तो वो राजा के पास पंहुचा और कहा
मालिक हुकुम आपही कुछ कीजिये मुझसे कुछ हो नहीं पारहा है अंगूरों की बेल कभी भी ख़त्म हो सकती है राजाने कहा माली साहब आप चिंता मत कीजिये आपका काम मैं करूँगा।
अगले दिन राजा साहब पहुंचे खुद और अंगूरों की बेल के पीछे जाके छुप गए और जैसे ही चिड़ियाँ आई राजा ने फुर्ती दिखाते हु चिड़ियाँ को पाकर लिया।
जैसे ही चिड़ियाँ को पकड़ा चिड़ियाँ ने राजा के कहा हे राजन मुझे माफ़ करना मुझे मत मारो मैं आपको चार ज्ञान की बातें बताउंगी राजा बहुत घुसे में थे राजा ने बोला पहेली बात बताओ चिड़ियाँ ने कहा अपनी हाथ में आए शत्रु को कभी भी जाने न दे
राजा ने कहा दूसरी बात बता चिड़ियाँ ने कहा कभी भी असम्भव बात पर यकीन न करें राजा ने कहा बहुत हो गया डरामा तीसरी बात बताओ चिड़ियाँ ने कहा बीती बात कर पछतावा न करें
राजा ने कहा अब चौथी बात बता अब खेल खत्म करता हु बहुत देर से परेशान कर रखा है
चिड़ियाँ ने कहा राजा साहब अपने जिस तरीके से मुझे पाकर रखा है मुझे साँस नहीं आरही आप मुझे थोड़ी सी ढील देंगें तो शायद मैं आपको चौथी बात बता पाऊं राजा ने हलकी सी ढील दी
और चिड़ियाँ उर कर के डाल पे बैठ गई चिड़ियाँ ने कहा मेरे पेट में दो हिरे हैं ये सुन कर के राजा पश्चाताप करने लगा उदाश हो गया
और राजा की ये शक्ल देख कर के चिड़ियाँ ने ने बोला राजा साहब मैंने जो आपको अभी चार ज्ञान की बात बताई थी पहली बात बताई थी अपने शत्रु को कभी हाथ में आने के बाद छोड़ें न
आपने हाथ में आए शत्रु यानि मुझे छोर दिया दूसरी बात बताई थी असबभाव बात पर यकीन न करें , आपने यकीं कर लिया की मेरे छोटे से पेट में दो हिरे हैं ,
तीसरी बात बताई थी की बीती हुई बात पर पश्चताप न करें आप उदास है आप पश्चाताप कर रहें है जबकि मेरे पेट में हिरे है ही नहीं उसको सोच कर के आप पश्चाताप कर रहें है।
उस चिड़ियाँ ने राजा को नहीं हम सबको भी बताई हम सब भी जो बीती चूका होता है उस पर कई बार पश्चाताप कर रहें होतें हैं हमेशा भूतकाल में रहतें है और भविष्य का सोचते नहीं हैं।
प्रेजेंट में रहना start कीजिए, future की प्लानिंग करना शुरू करिए, अपने सपनो को फॉलो करना start कीजिये। जिंदगी में जो हो गया, आपका उसपर कण्ट्रोल नहीं है, लेकिन जो होगा उसको आप बदल सकते है।
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